Sad shayari😌😔😣😣😒


“कितना बुरा लगता है, जब बादल हो और बारिश ना हो, जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो, जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो।”

“ज़िन्दगी में सबसे ज्यादा दुख दिल टूटने पर नही भरोसा टूटने पर होता है, क्योंकि हम किसी पर भरोसा कर के ही दिल लगाते है।”
                                         
“किसी ने पूछा इतना अच्छा कैसे लिख लेते हो, मैंने कहा दिल तोड़ना पड़ता है, लफ़्ज़ों को जोड़ने से पहले”


“तेरी मोहब्बत को कभी खेल नहीं समझा, वरना खेल तो इतने खेले है मैंने कि कभी भी हारा नहीं”
“कुछ गैर मुझे ऐसे मिले जो मुझे अपना बना गए और कुछ अपने ऐसे मिले जो मुझे गैर का मतलब बता गए।”


भूलकर हमें अगर तुम रहते हो सलामत, 
तो भूलके तुमको संभालना हमें भी आता है,
मेरी फ़ितरत में ये आदत नहीं है वरना, 
तेरी तरह बदल जाना मुझे भी आता है।

उसकी मोहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब था, अपना भी नही बनाया और किसी और का भी ना होने दिया।
इश्क हमें जीना सिखा देता है,
वफा के नाम पर मरना सिखा देता है।
इश्क नहीं किया तो करके देखो जालिम,
हर दर्द सहना सीखा देता है।।


मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं,
जगती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं,
जरुरी नहीं के ग़म में आँसू ही निकले,
मुस्कुराती आँखों में भी शैलाब होते हैं।

दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता

वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।

मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हैं मौसम की तरह लोग... बदल जाते हैं,
हम अभी तक हैं गिरफ्तार-ए-मोहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि संभल जाते हैं


बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।

जब कभी फुर्सत मिले मेरे दिल का बोझ उतार दो,
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो।

पत्थर समझ कर पाँव से ठोकर लगा दी,
अफसोस तेरी आँख ने परखा नहीं मुझे,
क्या क्या उमीदें बांध कर आया था सामने,
उसने तो आँख भर के भी देखा नहीं मुझे।

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की,
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई
Mk
नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली,
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाज़त न मिली।


उदास कर देती है हर रोज ये शाम मुझे,
लगता है तू भूल रहा है मुझे धीर-धीरे।


इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए


उसकी बाहों में सोने का
अभी तक शौक है मुझको,
मोहब्बत में उजड़ कर भी
मेरी आदत नहीं बदली।

बिखरी किताबें भीगे पलक और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।

हमें अपने घर से चले हुए,
सरे राह उमर गुजर गई,
न कोई जुस्तजू का सिला मिला,
न सफर का हक ही अदा हुआ।


.तू मेरी बरबादियों के जश्न में शामिल रहा,
ये तसव्वुर ही बहुत आराम देता है मुझे।


इतना भी इख्तियार नहीं मुझको वज़्म में,
शमाएँ अगर बुझें तो मैं दिल को जला सकूँ।

ये तो न कह कि किस्मत की बात है,
मेरी बरबादियों में तेरा भी हाथ है।
चंद कलियाँ निशात की चुनकर,
मुद्दतों मायूस रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही,
तुझसे मिलकर उदास रहता हूँ।


बस यही बात कि किसी को ना चाहों दिल से,
तज़ुर्बे इस के सिवा उम्र को क्या देते हैं।


वो अँधेरा ही सही था कि कदम राह पर थे,
रोशनी ले आई मुझे मंजिल से बहुत दूर।


Mumkina Faislon Mein Ek Hijr Ka Faisla Bhi Tha,
Hum Ne Toh Ek Baat Ki Us Ne Kamaal Kar Diya.

मुमकिना फ़ैसलों में एक हिज्र का फ़ैसला भी था,
हम ने तो एक बात की उस ने कमाल कर दि
या।

Tum Apna Ranjo-Gam Apni Pareshani Mujhe De Do,
Tumhein Meri Kasam Yeh Dukh Yeh Hairani Mujhe De Do,
Yeh Maana Main Kisi Kabil Nahi Inn Nigahon Ke,
Bura Kya Hai Agar Iss Dil Ki Veerani Mujhe De Do.

तुम अपना रंजो-गम अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें मेरी कसम यह दुख यह हैरानी मुझे दे दो।
ये माना मैं किसी काबिल नहीं इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर इस दिल की वीरानी मुझे दे दो।

Mujhe Yeh Darr Hai Teri Aarzoo Na Mit Jaye,
Bahut Dinon Se Tabiyat Meri Udas Nahin.

मुझे ये डर है तेरी आरजू न मिट जाये,
बहुत दिनों से तबियत मेरी उदास नहीं।

Apni Tabahiyon Ka Mujhe Koi Gam Nahi,
Tum Ne Kisi Ke Saath Mohabbat Nibha Toh Di.

अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी।


Duniya Ki Mehfil Se Ukta Gaya Hun Ya Rab,
Kya Lutf Anjuman Ka Jab Dil Hi Bujh Gaya Ho.

दुनिया की महफ़िलों से उकता गया हूँ या रब,
क्या लुत्फ़ अंजुमन का जब दिल ही बुझ गया हो।

Apna Toh Aashiqi Ka Kissa-e-Mukhtsar Hai,
Hum Ja Mile Khuda Se Dilbar Badal-Badal Kar.

अपना तो आशिकी का किस्सा-ए-मुख्तसर है,
हम जा मिले खुदा से दिलबर बदल-बदल कर।

Jab Ki Pahlu Se Yaar UthhTa Hai,
Dard Be-Ikhtiyaar UthhTa Hai.

जब कि पहलू से यार उठता है,
दर्द बे-इख़्तियार उठता है।


Na Gul Khile Hain Na Unse Mile Na May Pee Hai,
Ajeeb Rang Mein Ab Ke Bahaar Gujari Hai.

न गुल खिले हैं न उन से मिले न मय पी है,
अजीब रंग में अब के बहार गुज़री है।
Ek Kahani Si Dil Par Likhi Reh Gayi,
Woh Nazar Jo Use Dekhti Reh Gayi,
Woh Bajaar Mein Aakar Bik Bhi Gaye,
Meri Keemat Lagi Ki Lagi Reh Gayi.

एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयी,
वो नजर जो उसे देखती रह गयी,
वो बाजार में आकर बिक भी गए,
मेरी कीमत लगी की लगी रह गयी।

Idhar Se Aaj Woh Gujre Toh Munh Phere Hue Gujre
Ab Unn Se Bhi Humari Bekasi Dekhi Nahi Jaati.

इधर से आज वो गुजरे तो मुँह फेरे हुए गुजरे,
अब उन से भी हमारी बेकसी देखी नहीं जाती।


Zakhm Sab Bhar Gaye Bas Ek Chubhan Baki Hai,
Haath Mein Tere Bhi Patthar Tha Hazaron Ki Tarah,
Paas Rehkar Bhi Kabhi Ek Nahi Ho Sakte,
Kitne Majboor Hain Dariya Ke Kinaro Ki Tarah.

ज़ख्म सब भर गए बस एक चुभन बाकी है,
हाथ में तेरे भी पत्थर था हजारों की तरह,
पास रहकर भी कभी एक नहीं हो सकते,
कितने मजबूर हैं दरिया के किनारों की तरह

Kya Ajeeb Tha Unka Mujhe Chhod Ke Jana,
Suna Kuchh Nahi Aur Kahah Bhi Kuchh Nahi,
Kuchh Iss Tarah Barbaad Huye Unki Mohbbat Mein,
Loota Bhi Kuchh Nahi Aur Bacha Bhi Kuchh Nahi
.
क्या अजीब था उनका मुझे छोड़ के जाना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
कुछ इस तरह बर्बाद हुए उनकी मोहब्बत में,
लुटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं।


Ranjish Hi Sahi Dil Ko Dukhane Ke Liye Aa,
Aa Phir Se Mujhe Chhod Jaane Ke Liye Aa.

रंज़िश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ।
Humne Pyar Mohabbat Nahi Ibaadat Ki Hai,
Rasmon Aur Riwajon Se Bagawat Ki Hai,
Manga Tha Humne Jise Apni Duaon Mein,
Usi Ne Mujhse Juda Hone Ki Chahat Ki Hai.

हमने प्यार मोहब्बत नहीं इबादत की है,
रस्मों और रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।


Kuchh YaadGar-e-Shahar-e-SitamGar Hi Le Chalein,
Aaye Hain Toh Phir Gali Se Patthar Hi Le Chalein,
Ranj-e-Safar Ki Koi Nishaani Toh Paas Ho,
Thodi Si Khak-e-Kucha-e-Dilbar Hi Le Chalein.

कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें,
आये हैं तो फिर गली में से पत्थर ही ले चलें,
रंज-ए-सफ़र की कोई निशानी तो पास हो,
थोड़ी सी ख़ाक-ए-कूचा-ए-दिलबर ही ले चलें।

Teri Wafa Ke Takaaje Badal Gaye Varna,
Meujhe Toh Aaj Bhi Tujhse Ajeej Koi Nahi.

तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं।

Tamam Umr Usi Ke Khayal Mein Gujri,
Jise Umr Bhar Mera Khayal Na Aaya.

तमाम उम्र उसी के ख्याल में गुजरी,
जिसे उम्र भर मेरा ख्याल न आया।
Pal Pal Uska Saath Nibhate Hum,
Ek Ishare Par Duniya Chhod Jate Hum,
Samandar Ke Beech Kyun Fareb Kiya Usne,
Kehte Toh Kinare Par Hi Doob Jate Hum.

पल पल उसका साथ निभाते हम,
एक इशारे पर दुनिया छोड़ जाते हम,
समन्दर के बीच में फरेब किया उसने,
कहते तो किनारे पर ही डूब जाते हम।


Woh Mayusi Ke Lamhon Mein Jara Bhi Hausla Deta,
Toh Hum Kagaz Ki Kashti Pe Samandar Utar Jate.

वो मायूसी के लम्हों में जरा भी हौसला देता,
तो हम कागज़ की कश्ती पे समंदर उतर जाते।


Apni Tasbir Ko Aankhon Se Lagata Kya Hai,
Ek Najar Meri Taraf Dekh Tera Jata Kya Hai,
Meri Barbadi Mein Tu Bhi Hai Barabar Ka Shamil,
Mere Kisse Tu Gairo Ko Sunata Kya Hai.

अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है,
एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है,
मेरी बर्बादी में तू भी है बराबर का शामिल,
मेरे किस्से तू गैरों को सुनाता क्या है।


Jiske Naseeb Mein Hon Zamane Ki Thhokarein,
Uss BadNaseeb Se Na Sahaaron Ki Baat Kar.

जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।

Ek Tum Hi Na Mil Sake
Varna...
Milne Wale Toh
Bichhad Bichhad Ke Mile!

एक तुम ही न मिल सके
वरना...
मिलने वाले तो
बिछड़ बिछड़ के मिले।

Jeena Toh Padega Faqat Duniya Ko Dikhane Ke Liye,
Varna Maine Kab Chaahi Thi Uske Bagair Zindgi.

जीना तो पड़ेगा फ़क़त दुनियाँ को दिखाने के लिये,
वरना मैनें कब चाही थी उसके बगैर जिदंगी।

Mumkin Hai Ke Sadiyon Bhi Najar Aaye Na Sooraj,
Iss Baar Andhera Mere Andar Se Uthha Hai.

मुमकिन है कि सदियों भी नजर आए न सूरज,
इस बार अंधेरा मेरे अंदर से उठा है।

Teri Halat Se Lagta Hai Tera Apna Tha Koyi,
Itni Saadgi Se Barbaad Koyi Gair Nahi Karta.

तेरी हालत से लगता है तेरा अपना था कोई,
इतनी सादगी से बरबाद कोई गैर नहीं करता।


Usko Chaha To
Mohabbat Ki Takleef Najar Aayi,
Varna Is Mohabbat Ki
Bas Tareef Suna Karte The.

उसको चाहा तो
मोहब्बत की तकलीफ नजर आई,
वरना इस मोहब्बत की
बस तारीफ़ सुना करते थे।

Bichhada Iss Kadar Ki Rut Hi Badal Gayi,
Ek Shakhs Sare Shahar Ko Veeran Kar Gaya!

बिछड़ा इस कदर से के रुत ही बदल गयी,
एक शख्स सारे शहर को वीरान कर कर गया।

Umra Bhar Khali Yun Hi
Dil Ka Makaan Rahne Diya,
Tum Gaye To Doosare Ko
Fir Na Yahan Rahne Diya,
Umra Bhar Usne Bhi Mujhse
Mera Gham Poochha Nahi,
Maine Bhi Khwahishon Ko
Apni Bezabaan Rahne Diya.

उम्र भर खाली यूँ ही
दिल का मकाँ रहने दिया,
तुम गए तो दूसरे को
फ़िर न यहाँ रहने दिया,
उम्र भर उसने भी मुझ से
मेरा ग़म पूछा नहीं,
मैंने भी ख्वाहिशों को
अपनी बेज़बाँ रहने दिया।

Na Chahat Na Mohabbat Na Ishq Na Wafa,
Kuchh Bhi Toh Nahi Tha Uss Ke Paas Ek Husn Ke Siwa.

न चाहत न मोहब्बत न इश्क़ और न वफ़ा,
कुछ भी तो नहीं था उस के पास इक हुस्न के सिवा।

Pyaas Itni Hai Meri Rooh Ki Gehrayi Mein,
Ashq Girta Hai Toh Daaman Ko Jala Deta Hai.

प्यास इतनी है मेरी रूह की गहराई में,
अश्क गिरता है तो दामन को जला देता है।

Mana Ke Galat Hum Hi The Jo Tum Se Mohbbat Kar Baithe,
Par Royoge Tum Bhi Bahut Aisi Wafa Ki Talash Mein.

माना कि गलत हम ही थे जो तुमसे मोहब्बत कर बैठे,
पर रोयोगे तुम भी बहुत ऐसी वफ़ा की तलाश में।

Woh Jiska Teer Chupke Se Jigar Ke Paar Hota Hai,
Woh Koyi Gair Hota Nahi Apna Rishtedaar Hota Hai,
Kisi Se Apne Dil Ki Baat Tu Kehna Na Bhule Se,
Yeha Khat Bhi Zara Si Der Mein Akhbar Hota Hai.

वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है,
वो कोई गैर होता नहीं अपना रिश्तेदार होता है,
किसी से अपने दिल बात तू कहना न भूले से,
यहाँ ख़त भी ज़रा सी देर में अखबार होता है।

Zid Mat Kiya Karo Meri Daastaan SunNe Ki,
Main Hans Kar Bhi Kahunga Toh Tum Rone Lagoge.

ज़िद मत किया करो मेरी दास्तान सुनने की,
मैं हँस कर भी कहूँगा तो तुम रोने लगोगे।

Mil Gaya Tha Jo Muqaddar Wo Kho Ke Nikla Hoon,
Main Ek Lamha Hu Bas Ro Ro Ke Nikla Hoon,
Raah-E-Duniya Me Mujhe Koi Bhi Dushwari Nahi,
Main Teri Zulf Ke Pencho Se Ho Ke Nikla Hoon.

मिल गया था जो मुकद्दर वो खो के निकला हूँ,
मैं एक लम्हा हूँ बस रो रो के निकला हूँ,
राह-ए-दुनिया में मुझे कोई भी दुश्वारी नहीं,
मैं तेरी ज़ुल्फ़ के पेंचों से हो के निकला हूँ।

Kisi Ki Yaad Ko Dil Mein Basa Ke Roye Hain,
Kisi Ki Tasveer Ko Seene Se Laga Ke Roye Hain.

किसी की याद को दिल में बसा के रोये हैं,
किसी की तस्बीर को सीने से लगा के रोये हैं।

Tohmatein Toh Lagti Rahin
Roz Nayi Nayi Hum Par,
Magar Jo Sabse Haseen ilzaam Tha
Woh Tera Naam Tha.

तोहमतें तो लगती रहीं
रोज़ नई नई हम पर,
मगर जो सबसे हसीन इल्जाम था
वो तेरा नाम था।

Tohmatein Toh Lagti Rahin
Roz Nayi Nayi Hum Par,
Magar Jo Sabse Haseen ilzaam Tha
Woh Tera Naam Tha.

तोहमतें तो लगती रहीं
रोज़ नई नई हम पर,
मगर जो सबसे हसीन इल्जाम था
वो तेरा नाम था।


Ek Baar Dekh To Lete Meri Aankhon Ki Udasiyan,
Meri Muskurahaton Se Tum Kyun Fareb Kha Gaye.

एक बार देख तो लेते आँखों की उदासियाँ,
मेरी मुस्कराहट से तुम क्यूँ फरेब खा गए।

Jaane Kya Mujhse Zamana Chahta Hai,
Mera Dil TodKar Mujhe Hansana Chahta Hai,
Jaane Kya Baat Hai Mere Chehre Mein,
Har Shakhs Mujhe Aajmana Chahta Hai.

जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे हँसाना चाहता है,
जाने क्या बात है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है।

Jab Bhi Unki Gali Se Gujarte Hain,
Meri Ankhein Ek Dastak De Deti Hain,
Dukh Yeh Nahi Woh Darwaja Band Kar Dete Hain,
Khushi Yeh Hai Woh Mujhe Pehchan Lete Hain.

जब भी उनकी गली से गुज़रते हैं,
मेरी आँखें एक दस्तक दे देती हैं,
दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं,
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।

Khatm Ho Gayi Kahani Bas Kuchh Alfaz Baaki Hain,
Ek Adhoore Ishq Ki Ek Muqammal Si Yaad Baki Hai.

खत्म हो गई कहानी बस कुछ अल्फाज़ बाकी हैं,
एक अधूरे इश्क की एक मुकम्मल सी याद बाकी है।

Yeh Silsila Ulfat Ka Chalta Hi Reh Gaya,
Dil Ki Chah Mein Dilbar Machalta Hi Reh Gaya,
Kuchh Der Ko Jal Ke Shama Khamosh Ho Gayi,
Parwana Magar Sadiyon Tak Jalta Hi Reh Gaya.

ये सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया,
दिल चाह में दिलबर के मचलता ही रह गया,
कुछ देर को जल के शमां खामोश हो गई,
परवाना मगर सदियों तक जलता ही रह गया।
Mohabbat Mangi Thi Mohabbat Ke Badle,
Tum Woh Bhi Humko De Na Sake
Dil Ko Chaha Jab Kahin Aur Behlana
Iss Baat Ko Bhi Tum Seh Na Sake
Hum Kisi Ko Apna Banayein Yahan
Shyad Yeh Kismat Ko Manjoor Nahi Tha
Aapka Iss Kadar Humse Ruthna
Mohabbat Ka Dastoor Toh Nahi Tha

मोहब्बत मांगी थी मोहब्बत के बदले
तुम वो भी हमको दे न सके
दिल को चाह जब कहीं बहलाना
इस बात को भी तुम सह न सके
हम किसी को अपना बनाएं यहाँ
शायद ये किस्मत को मंज़ूर नहीं था
आपका इस कदर हमसे रूठना
मोहब्बत का दस्तूर तो नहीं था।,,,,,,,.,,,,,,

Jaane Kya Kami Hai Hum Mein Ya Khuda,
Jaane Kyu Sab Humse Khafa Rehte Hain,
Humne To Chaha Banana Sab Ko Apna,
Jaane Kyu Sab Humse Juda Rahte Hain.

जाने क्या कमी है हम में या खुदा,
जाने क्यूँ सब हम से खफा रहते हैं,
हमने तो चाहा बनाना सब को अपना,
जाने क्यूँ सब हमसे जुदा रहते हैं।

Dil Se Roye Magar Hotho Se Muskura Baithe,
Yun Hi Hum Kisi Se Wafa Nibha Baithe,
Wo Hamein Ek Lamha Na De Paye Pyaar Ka,
Aur Hum Unke Liye Zindgi Luta Baithe.

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।

Kya Batau Kaise Khud Ko Dar-Ba-Dar Maine Kiya,
Umr Bhar Kis Kis Ke Hisse Ka Safar Maine Kiya,
Tu Toh Nafrat Bhi Na Kar Payega Iss Shiddat Ke Saath,
Jis Bala Ka Pyaar Bekhabar Tujhse Maine Kiya.

क्या बताऊँ कैसे खुद को दर-ब-दर मैंने किया,
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया,
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया।

Raat Bhar Mujhko Gham-e-Yaar Ne Sone Na Diya,
Subah Ko Khauf-e-Shab-e-Taar Ne Sone Na Diya.
Shamaa Ki Tarah Meri Raat Kati Suli Par,
Chain Se Yaad-e-Kad-e-Yaar Ne Sone Na Diya.

रात भर मुझको ग़म-ए-यार ने सोने न दिया,
सुबह को खौफ़-ए-शब-ए-तार ने सोने न दिया,
शमा की तरह मेरी रात कटी सूली पर,
चैन से याद-ए-कद-ए-यार ने सोने न दिया।

Zamane Se Suna Tha Ki Mohabbat Haar Jati Hai,
Jo Chahat Ek Taraf Ho Wo Chahat Haar Jati Hai,
Kahin Dua Ka Ek Lafz Asar Kar Jata Hai,
Aur Kahin Barson Ki Ibadat Bhi Haar Jati Hai.

ज़माने से सुना था कि मोहब्बत हार जाती है,
जो चाहत एक तरफ हो वो चाहत हार जाती है।
कहीं दुआ का एक लफ्ज़ असर कर जाता हैं,
और कभी बरसों की इबादत भी हार जाती है।

Taabir Jo Mil Jati Toh Ek Khwaab Bahut Tha,
Jo Shakhs Ganwa Baithe Woh Nayaab Bahut Tha,
Main Kaise Bacha Leta Bhala Kashti-e-Dil Ko,
Dariya-e-Mohabbat Mein Sailaab Bahut Tha.

ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था,
मै कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को,
दरिया-ए-मुहब्बत मे सैलाब बहुत था।


Taabir Jo Mil Jati Toh Ek Khwaab Bahut Tha,
Jo Shakhs Ganwa Baithe Woh Nayaab Bahut Tha,
Main Kaise Bacha Leta Bhala Kashti-e-Dil Ko,
Dariya-e-Mohabbat Mein Sailaab Bahut Tha.

ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था,
मै कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को,
दरिया-ए-मुहब्बत मे सैलाब बहुत था।

Dillagi Thi Use Hum Se Mohabbat Kab Thi,
Mehfil-e-Gair Se Uss Ko Fursat Kab Thi,
Kahte Toh Hum Mohabbat Mein Fanaah Ho Jate,
Uss Ke Vaadon Mein Par Woh Hakiqat Kab Thi.

दिल्लगी थी उसे हम से मोहब्बत कब थी,
महफ़िल-ए-गैर से उस को फुर्सत कब थी,
कहते तो हम मोहब्बत में फनाह हो जाते,
उस के वादों में पर वो हकीक़त कब थी।

Nahi Hota Yakeen Phir Bhi Kar Hi Leta Hun,
Jahan Itne Hue Ek Aur Fareb Ho Jane Do.

नहीं होता यकीन फिर भी कर ही लेता हूँ,
जहाँ इतने हुए एक और फरेब हो जाने दो।















































































































































































































































































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